भागलपुर के सबसे प्राचीन मंदिर में उमड़ा आस्था का जन सैलाब
रिपोर्ट –शयामानंद सिह भागलपुर
भागलपुर महाशिवरात्रि के मौके पर भागलपुर के सबसे प्राचीन मंदिर बाबा बुढ़ानाथ मंदिर में आस्था का जन सैलाब उमड़ा है.
बाबा बूढ़ानाथ मंदिर, जिसे वृद्धेश्वरनाथ मंदिर भी कहा जाता है, बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है। मान्यता है कि त्रेता युग में महर्षि वशिष्ठ ने इसकी स्थापना की थी, जब वे भगवान राम और लक्ष्मण के साथ यहां आए थे। इस मंदिर का उल्लेख शिव पुराण के द्वादश अध्याय में भी मिलता है।
महाशिवरात्रि के अवसर पर, बाबा बूढ़ानाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और तैयारियाँ की जाती हैं। सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न क्षेत्रों से आकर भगवान शिव की आराधना में सम्मिलित होते हैं। भक्तजन गंगा नदी में पवित्र स्नान करने के बाद मंदिर में जलाभिषेक करते हैं और भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करते हैं। मंदिर परिसर में स्थित बूढ़ानाथ घाट पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
हाल ही में, 141 वर्षों के बाद, मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया गया है, जिसमें मंदिर के मूल स्वरूप और भवनों का नवीनीकरण शामिल है। इससे मंदिर की सुंदरता में वृद्धि होगी और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी।
बाबा बूढ़ानाथ मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी है, जो इसे भागलपुर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बनाता है।